Friday 25 September 2015

मुझे धक्का किसने दिया था…


एक बार की बात है , किसी शहर में एक बहुत अमीर आदमी रहता था. उसे एक अजीब शौक था , वो अपने घर के अन्दर बने एक बड़े से स्विमिंग पूल में बड़े-बड़े रेप्टाइल्स पाले हुए था ; जिसमे एक से बढ़कर एक सांप, मगरमच्छ ,घड़ियाल ,आदि शामिल थे . एक बार वो अपने घर पर एक पार्टी देता है .बहुत से लोग उस पार्टी में आते हैं. खाने-पीने के बाद वो सभी मेहमानों को स्विमिंग पूल के पास ले जाता है और कहता है - ” दोस्तों, आप इस पूल को देख रहे हैं, इसमें एक से एक खतरनाक जीव हैं , अगर आपमें से कोई इसे तैर कर पार कर ले तो मैं उसे १ करोड़ रुपये या अपनी बेटी का हाथ दूंगा…” सभी लोग पूल की तरफ देखते हैं पर किसी की भी हिम्मत नहीं होती है कि उसे पार करे….लेकिन तभी छपाक से आवाज होती है और एक लड़का उसमे कूद जाता है ,और मगरमच्छों , साँपों, इत्यादि से बचता हुआ पूल पार कर जाता है. सभी लोग उसकी इस बहादुरी को देख हैरत में पड़ जाते हैं. अमीर आदमी को भी यकीन नहीं होता है कि कोई ऐसा कर सकता है ; इतने सालों में किसी ने पूल पार करना तो दूर उसका पानी छूने तक की हिम्मत नहीं की ! वो उस लड़के को बुलाता है , ” लड़के , आज तुमने बहुत ही हिम्मत का काम किया है , तुम सच- मुच बहादुर हो बताओ तुम कौन सा इनाम चाहते हो। ” अरे , इनाम-विनाम तो मैं लेता रहूँगा , पहले ये बताओ कि मुझे धक्का किसने दिया था….!” , लड़का बोला. मित्रों ये एक छोटा सा जोके था। पर इसमें एक बहुत बड़ा सन्देश छुपा हुआ है – उस लड़के में तैर कर स्विमिंग पूल पार करने की काबीलियत तो थी पर वो अपने आप नहीं कूदा , जब किसी ने धक्का दिया तो वो कूद गया और पार भी कर गया . अगर कोई उसे धक्का नहीं देता तो वो कभी न कूदने की सोचता और न पूल पार कर पाता , पर अब उसकी ज़िन्दगी हमेशा के लिए बदल चुकी थी … ऐसे ही हमारे अन्दर कई टैलेंट छुपे होते हैं जब तक हमारे अन्दर कॉन्फिडेंस और रिस्क उठाने की हिम्मत नहीं होती तब तक हम लाइफ के ऐसे कई चैलेंजेज में कूदे बगैर ही हार मान लेते हैं , हमें चाहिए कि हम अपनी काबीलियत पर विश्वास करें और ज़िन्दगी में मिले अवसरों का लाभ उठाएं।

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